मल्हारगंज में बद्री भैया की दुकान है। बद्री भैया बोल बम बोल बम कहकर कचौरियां बेचते हैं। इसलिए बम कचौरी नाम पड़ गया। इस दुकान पर भी लोगों की भीड़ रहती है।
यह किसी इंजीनियर की दुकान नहीं है, बल्कि एसजीएसआइटीएस कालेज के बाहर मिलने वाली कचौरी को इंजीनियर कचौरी कहा जाता है, क्योंकि यहां इंजीनियरिंग के छात्रों की भीड़ लगी रहती है।
इंदौर के राऊ में बाबा की कचौरी मिलती है। यह आकार में आम कचौरियों से बड़ी होती है। इसका टेस्ट में सबसे अलग ही है। इसे भी लोग बहुत पसंद करते हैं।
इंदौर के मल्हार आश्रम स्कूल के पास आनंद उपहार गृह लाल बाल्टी की कचौरी के नाम से प्रसिद्ध है। इसका नाम दुकान के बाहर टंगी लाल बाल्टी पर पड़ा है।
इंदौर शहर की छप्पन दुकान पर मटर की कचौरी मिलती है। हालांकि यह शहर में कई दुकानों पर भी मिलती है। इस कचौरी को भी लोग स्वाद लेकर खाते हैं।
इंदौर के सराफा बाजार में भुट्टे की की कचौरी मिलती है। इसे लोग बहुत पसंद करते है। भुट्टे की कचौरी आजकल शहर की अन्य दुकानों पर भी मिलने लगी है।
इंदौर नगर निगम मार्ग पर रवि अल्पाहार दुकान है। यहां फलाहारी कचौरी मिलती है। यह कचौरी सिंघाड़े का आटा और आलू से बनाई जाती है। यह व्रत करने वालों के लिए बनाई जाती है।