पागलपन नहीं, अच्‍छी आदत है खुद से बात करना


By Sahil08, Apr 2024 05:16 PMnaidunia.com

खुद से बात करना

ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि वह खुद से बात करते हैं। मनोविज्ञान में इसे सेल्फ टॉक का नाम दिया जाता है। सवाल खड़ा होता है कि इसका मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है।

मानसिक रूप से फायदा

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो सेल्फ टॉक करना मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। ऐसा करने से दिमाग की सेहत को कई तरीके से फायदा पहुंचता है।

मेंटली स्ट्रॉन्ग

अकेले में खुद से बात करने वाले लोग मेंटली तौर पर स्ट्रॉन्ग होते हैं। हालांकि, आपको नकारात्मक बातों के बारे में ज्यादा सोचने से बचना चाहिए।

सेल्फ टॉक की आदत डालें

यदि आप मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखना चाहते हैं तो सेल्फ टॉक की आदत जरूर डालें। खासकर उन लोगों को खुद से बात करनी चाहिए, जो मानसिक बीमारियों से परेशान रहते हैं।

कॉन्फिडेंस बढ़ेगा

सेल्फ टॉक करने से आत्मविश्वास भी बढ़ता है। ऐसा करने से आपको अपनी क्षमताओं के बारे में पता चलता है। इतना ही नहीं, आपका खुद के ऊपर भरोसा भी बढ़ता है।

निर्णय लेने की क्षमता में सुधार

अक्सर लोग फैसलों को लेने में अटक जाते हैं। खैर, सेल्फ टॉक करने वाले लोगों की निर्णय लेने की क्षमता काफी ज्यादा बढ़ जाती है। 

बेहतर होगा महसूस

यदि आप एकांत में बैठकर खुद से बात करते हैं तो आपको काफी अच्छा महसूस होगा। इसके अलावा, आपको उदासी से भी छुटकारा मिल जाएगा।

दूसरों के सामने सेल्फ टॉक

यदि आप दूसरों के साथ होने के बाद भी सेल्फ टॉक करते हैं तो यह सही आदत नहीं है। ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।

सेल्फ टॉक के फायदों को लेकर हमने बात की। इस तरह की अन्य रोचक हेल्थ से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ

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