घड़ी व कलेण्डर समय का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में दोनों ही चीजें व्यक्ति के जीवन में काफी महत्व रखती हैं। इसलिए दोनों का घर में सही जगह पर होना जरूरी है, तभी जीवन में प्रगति होती है।
बाजार में कई तरह की घडि़यां उपलब्ध हैं। लेकिन गोल व अंडाकार घड़ी ही शुभ होती हैं। चौकोर और तिकोनी घड़ी घर में नहीं होनी चाहिए। क्योंकि कोने नुकीले होते हैं और नकारात्मक ऊर्जा निकलती है।
बंद और पुरानी घड़ी को घर में कतई न रखें। वास्तु शास्त्र के मुताबिक बंद घड़ी के घर में रहने से आपकी सफलता रुक जाती है। साथ ही बंद घड़ी घर में होना अशुभ माना जाता है।
आजकल घड़ी में भगवान की तस्वीरें होती हैं। वास्तुशास्त्र के मुताबिक भगवान की रोजाना पूजा होना चाहिए। लेकिन घड़ी में लगी तस्वीर की पूजा नहीं होती। धूल चढ़ती है। यह अशुभ होता है।
घरों में साउथ दिशा में घड़ी न लगाएं। इसे अशुभ माना जाता है। घड़ी को पूर्व व पश्चिम की दीवारों पर ही लगाएं। क्योंकि गलत दिशा में लगने पर घड़ी से नकारात्मक ऊर्जा निकलती है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घड़ी में समय को पीछे न रखें। क्योंकि इससे आपकी प्रगति बाधित होती है। इसलिए घड़ी को समय पर या निर्धारित समय से कुछ आगे ही रखें।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक कलेण्डर को पूर्व व उत्तर दिशा में न लगाएं। इससे कलेण्डर नकारात्मक ऊर्जा निकलती है। साथ ही पुराना कलेण्डर भी घर में न रखें। इससे सफलता बाधित हेाती है।