वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा का क्या है महत्व


By Prakhar Pandey2023-05-12, 16:30 ISTnaidunia.com

दीर्घायु के लिए

पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं और साथ ही बरगद के पेड़ की पूजा भी करती हैं। आइए जानते हैं क्या हैं इसका महत्व?

वट सावित्री व्रत

मान्यताओं के मुताबिक वट सावित्री का व्रत शादीशुदा औरतों के लिए बेहद लाभकारी होता हैं। अपने पति की लंबी उम्र के साथ-साथ सौभाग्य प्राप्ति के लिए शादीशुदा औरतें ये व्रत रखती हैं।

बरगद का पेड़

माना जाता है कि बरगद के पेड़ में ब्रह्मा और विष्णु जी का वास होता है। वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने से आपको जीवन में अनेकों लाभ होते हैं।

महत्व

बरगद के पेड़ को वट वृक्ष भी कहा जाता हैं। मान्यताओं के मुताबिक, बरगद के पेड़ का पूजा और परिक्रमा करने से पति की आयु बढ़ती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 

सूर्योदय से पहले स्नान

वट सावित्री व्रत के दिन महिलाओं को सुबह उठकर सूर्य उगने से पहले स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर बरगद के पेड़ की विधिवत पूजा करनी चाहिए।

मुहूर्त

इस बार वट सावित्री व्रत हिंदू पंचांग के मुताबिक 19 मई को रखा जाएगा। अमावस्या तिथि की शुरुआत 18 मई गुरुवार की रात 9: 42 से शुरू हो जाएगी।

उदया तिथि

वट सावित्री व्रत का समापन 19 मई को 9:22 मिनट पर होगा। उदया तिथि के मुताबिक, यह व्रत 19 मई को ही रखा जाएगा।

शनि जयंती

वट सावित्री व्रत के दिन ही शनि जयंती भी पड़ रही हैं। ऐसे में शनिदेव की पूजा करना भी जरूरी है, विधिवत पूजा के बाद शनिदेव को सरसों का दीपक जलाएं। घर में सुख समृद्धि बनी रहेगी।

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