पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं और साथ ही बरगद के पेड़ की पूजा भी करती हैं। आइए जानते हैं क्या हैं इसका महत्व?
मान्यताओं के मुताबिक वट सावित्री का व्रत शादीशुदा औरतों के लिए बेहद लाभकारी होता हैं। अपने पति की लंबी उम्र के साथ-साथ सौभाग्य प्राप्ति के लिए शादीशुदा औरतें ये व्रत रखती हैं।
माना जाता है कि बरगद के पेड़ में ब्रह्मा और विष्णु जी का वास होता है। वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने से आपको जीवन में अनेकों लाभ होते हैं।
बरगद के पेड़ को वट वृक्ष भी कहा जाता हैं। मान्यताओं के मुताबिक, बरगद के पेड़ का पूजा और परिक्रमा करने से पति की आयु बढ़ती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
वट सावित्री व्रत के दिन महिलाओं को सुबह उठकर सूर्य उगने से पहले स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर बरगद के पेड़ की विधिवत पूजा करनी चाहिए।
इस बार वट सावित्री व्रत हिंदू पंचांग के मुताबिक 19 मई को रखा जाएगा। अमावस्या तिथि की शुरुआत 18 मई गुरुवार की रात 9: 42 से शुरू हो जाएगी।
वट सावित्री व्रत का समापन 19 मई को 9:22 मिनट पर होगा। उदया तिथि के मुताबिक, यह व्रत 19 मई को ही रखा जाएगा।
वट सावित्री व्रत के दिन ही शनि जयंती भी पड़ रही हैं। ऐसे में शनिदेव की पूजा करना भी जरूरी है, विधिवत पूजा के बाद शनिदेव को सरसों का दीपक जलाएं। घर में सुख समृद्धि बनी रहेगी।