इंदौर का खजराना गणेश मंदिर बहुत चमत्कारिक है। कहा जाता है यहां उल्टा स्वास्तिक बनाने से भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है। मंदिर का निर्माण 1735 में अहिल्याबाई ने करवाया था।
यहां गणेशजी की 25 फीट ऊंची मूर्ति है। बताया जाता है कि यह 122 साल पुरानी मूर्ति है। इसे सजाने में करीब 15 दिन लगते हैं। यहां सवा मन घी और सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है।
इंदौर के एरोड्रम रोड स्थित विद्याधाम मंदिर में भगवान गणेश अपने पूरे परिवार के साथ में विराजित हैं। यहां उनकी पत्नियां, दो बेटे, दो पोतों की मूर्तियां हैं।
इंदौर के राऊजी बाजार में खड़े गणेशजी का मंदिर है। तीन सौ साल पहले यह मूर्ति कान्ह नदी के पास मिट्टी में दबी मिली थी। तब इसे यहां लाकर स्थापित किया।
जूनी इंदौर में शनि मंदिर के पास ही पोटली वाले गणेशजी का मंदिर है। यहां गणेशजी के हाथ में धन की पोटली है। मूर्ति की स्थापना 750 साल पहले राजस्थान के कुछ गडरियों ने की थी।
जूनी इंदौर में ही चिंतामन गणेश का 1200 साल पुराना मंदिर है। यहां भगवान गणेश अपने भक्तों की मनोकामना फोन पर सुनते हैं और उन्हें पूरा भी करते हैं। यहां विदेशों से भी फोन आते हैं।
इंदौर के मल्हारगंज थाने के सामने गणेशजी का मंदिर है। भक्त इसे छोटा गणपति मंदिर के नाम से भी जानते हैं। इस मंदिर का इतिहास 200 साल से भी ज्यादा पुराना है।