वास्तु शास्त्र में पूजा करने की शुभ दिशा का उल्लेख मिलता है। माना जाता है कि सही दिशा में पूजा करने का फल जल्दी मिलता है।
शास्त्रों में पूजा करने के लिए ईशान कोण उत्तम बताया गया है। इस वजह से लोग इसी दिशा में पूजा घर का निर्माण करते हैं।
सवाल खड़ा होता है कि ईशान कोण किस दिशा को कहा जाता है। दरअसल, घर की उत्तर-पूर्व दिशा को ही ईशान कोण कहा जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ईशान कोण में ईश्वर का वास होता है। यदि आप इस दिशा में पूजा करते हैं तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
ईशान कोण में पूजा करने का एक बड़ा लाभ होता है कि घर में सुख-समृद्धि आती है। बशर्ते वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों का पालन जरूर करें।
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि पूजा घर का निर्माण हमेशा घर के ईशान कोण में करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में मंदिर बनाने वाले व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है।
ईशान कोण में देवी-देवताओं की तस्वीर को रखना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर पर भगवान की कृपा भी बनी रहती है।
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यता पर आधारित है। इसके जरिए हमारी तरफ से किसी तरह का कोई दावा नहीं किया जा रहा है।
पूजा करने के लिए ईशान कोण को शुभ माना जाता है। ऐसी ही अन्य धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ