जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण का व्रत रखा जाता है और उनकी पूजा की जाती है। माना जाता है कि सही विधि के तहत पूजा करने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं।
पूजन करने से पहले पूजा स्थल की सफाई करें। माना जाता है कि देवी-देवताओं को गंदगी पसंद नहीं होती है। अस्वच्छ जगह पर भगवान वास नहीं करते हैं।
जन्माष्टमी के दिन अपने पूजा घर में लड्डू गोपाल या श्रीकृष्ण की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद ही सही विधि के तहत पूजन करें।
भगवान कृष्ण की मूर्ति का अभिषेक जरूर करें। इसके लिए दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का इस्तेमाल आप कर सकते हैं।
लड्डू गोपाल को जन्माष्टमी के दिन नए कपड़े पहनाएं। इसके साथ ही, उन्हें मुकुट, आभूषण और मोरपंख पहनाएं। ऐसा करने के बाद भोग लगाएं।
भगवान कृष्ण को माखन मिश्री का भोग प्रिय होता है। जन्माष्टमी के मौके पर खासकर उन्हें इस प्रसाद का ही भोग लगाना चाहिए।
पूजा के अंत में भगवान कृष्ण की आरती करें। बता दें की आरती रात को 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म के समय करनी चाहिए। इससे कृष्ण जी कृपा बरसाते हैं।
हिंदू धर्म में मंत्रों के बगैर पूजा को अधूरा माना जाता है। भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
यहां हमने जाना कि भगवान कृष्ण की पूजा करने की सही विधि क्या है। ऐसी ही अन्य धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ