मुरैना के सिहौंनिया में बने ककनमठ मंदिर को लेकर कहा जाता है कि भूतों ने विशाल पत्थरों से मंदिर को एक रात में ही बनाया है।
ककनमठ मंदिर को बिना सीमेंट गारे के विशाल पत्थरों से बनाया गया है। बड़े बड़े पत्थर करीने से एक के बाद और ऊपर रखे हैं। जैसे गिरने वाले हैं।
11वीं शताब्दी में कच्छवाहा वंश के राजा कीर्ति सिंह ने पत्नी रानी ककनावती के लिए भगवान भोलेनाथ का मंदिर बनाया। इसलिए इसका नाम ककनमठ मंदिर पड़ा।
ककनमठ मंदिर के बारे में किवदंती है कि इसे भूतों ने एक रात में बनाया। जैसे ही सुबह हुई तो निर्माण बंद कर दिया। इसलिए मंदिर अधूरा ही रह गया।
ककनमठ मंदिर वास्तुकला के रूप से खजुराहो शैली में बना है। मंदिर के आस-पास बिखरे हुए खंडहर तथा टूटे हुए अंश, धार्मिक संरचना होने का प्रमाण दे रहे हैं।
मंदिर के बीच में पत्थरों के मोटे मोटे गोल खंबे लगे है। कहा जाता है कि ये खंबे 52 है। लेकिन हर कोई इन खंबों को गिन नहीं पाता। गिनती में कभी खंबे कम हो जाते हैं तो कभी बढ़ जाते है।