एकमुखी, आठमुखी अथवा नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें। स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो रांगे (एक धातु) से बना सिक्का नदी में प्रवाहित करें।
दो रंग वाला कंबल अथवा गर्म वस्त्र दान करें, चांदी की ठोस गोली बनवाकर उसकी पूजा करें और उसे अपने पास रखें।
रात को सोते समय सिरहाने पर थोड़ा बाजरा रखें और सुबह पक्षियों को खिलाएं। लाल धागे में तीन, आठ या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
400 ग्राम साबुत बादाम बहते जल में प्रवाहित करें, सोमवार को शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें।
40 दिनों तक रोज सरस्वती चालीसा का पाठ करें, जरूरतमंदों को पीले वस्त्र का दान करें और तुलसी का पौधा लगाएं।
हनुमान मंदिर में जाकर करें सुंदरकांड का पाठ, गरीब, असहायों को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।
तक्षक कालसर्प के समाधान के लिए 11 नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें, सफेद कपड़े और चावल का दान करें।
बटुकभैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही-गुड़ का भोग लगाएं और करें पूजा, शीशे के आठ टुकड़े नदी में प्रवाहित करें।
सोने से पहले सिरहाने के पास जौ रखें और सुबह पक्षियों को खिला दें, पांचमुखी, आठमुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर पूजा स्थल पर रखें, चार मुखी, आठमुखी और नौ मुखी रुद्राक्ष हरे रंग के धागे में धारण करें।
परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर नारियल लेकर एक-एक नारियल पर हाथ लगवाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
रात्रि को लाल कपड़े में थोड़े से बताशे व सफेद फूल बांधकर सिरहाने रखें और उसे अगले दिन सुबह उन्हें नदी में प्रवाहित कर दें।