13 जुलाई को सावन महीने की एकादशी का व्रत किया जाएगा। इसे कामिका एकादशी कहा जाता है। पुराणों के मुताबिक, इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
कामिका एकादशी के दिन दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। स्कंद पुराण में कहा गया है कि इस दिन व्रत और दान करने से काफी फायदा मिलता है।
कामिका एकादशी के दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।
महाभारत में भीष्म पितामह ने देवर्षि नारद को बताया था कि एकादशी व्रत की कथा सुनने से यज्ञ के सम्मान पुण्य मिलता है।
कामिका एकादशी पर जो भी भक्त भगवान विष्णु की कथा सुनते हैं और तुलसी पात्र चढ़ाते है, वो सभी पापों से दूर रहते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण ने भी इस व्रत के बारे में अर्जुन को बताते हुए कहा कि इसे करने से कोई भी इंसान कुयोनि में जन्म नहीं लेता है।
तृप्त कामिका एकादशी व्रत को लेकर ऐसी मान्यता भी है कि इसे करने से पितरों की सात पीढ़ियां तृप्त हो जाती हैं। साथ ही, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
सावन महीने में एकादशी व्रत रखने से विष्णु भगवान के अलावा भोलेनाथ भी प्रसन्न होते हैं। इस वजह से भी कामिका एकादशी के व्रत का खास महत्व होता है।