करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा। व्रत के दौरान महिलाओं को कुछ कार्य न करने की सलाह दी जाती है। इन नियमों के उल्लंघन से व्रत असफल हो सकता है।
करवा चौथ का व्रत निर्जला होता है। व्रत के दौरान पूरे दिन अन्न और जल का त्याग करना होता है। इस दिन भूलकर भी कुछ न खाएं, वरना व्रत टूट सकता है।
करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है। व्रत के दिन महिलाओं को गलती से भी सुहाग सामग्री का दान नहीं करना चाहिए।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को दिन के समय नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने से व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है।
करवा चौथ का त्योहार अखंड सुहाग का प्रतीक होता है। इस दिन महिलाओं को भूलकर भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
करवा चौथ की पूजा व्रत कथा के बिना अधूरी मानी जाती है। अपने व्रत को सफल बनाने के लिए पूजा करते समय करवा चौथ व्रत की कथा जरूर सुने।
करवा चौथ की पूजा करने के बाद अपनी सास को पूजा और सुहाग की सामग्री जरूर दें। ऐसा करने से सास खुश होकर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं।
पूरे दिन नियमों का ध्यान रखने के बाद ज्यादा जरूरी हो जाता है कि शाम को चंद्र अर्घ्य के बाद ही व्रत का पारण करें। करवा चौथ व्रत में चंद्र को अर्घ्य देना बेहद आवश्यक होता है।