इन 6 तरह की होती है कांवड़ यात्रा


By Shivansh Shekhar23, Jul 2024 03:30 PMnaidunia.com

सावन 2024

सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई 2024 से हो चुकी है और इसकी समाप्ति 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन होगा। इस महीने को पावन माना जाता है।

भगवान शिव की पूजा

इस महीने देवों के देव महादेव की पूजा की जाती है और सौभाग्य प्राप्ति की इच्छा जताई जाती है। भक्त बड़े ही श्रद्धा भाव से शिव जी की पूजा करते हैं।

कावड़ यात्रा

आज हम आपको 5 ऐसे कांवड़ यात्रा के तरीकों के बारे में बताएंगे, जिसे भक्त आजमाते हैं। अपनी इच्छा शक्ति से भक्तगण शिव की कांवड़ उठाते हैं।

बोल बम कावड़

बोल बम कावड़ में बिना जूते चप्पल के यात्रा करना पड़ता है। इसमें आप थकने पर बैठकर आराम कर सकते हैं। कांवड़ जमीन को नहीं छूना चाहिए।

खड़ी कावड़

भक्त खड़ी कावड़ लेकर चलते हैं। कांवड़िए के साथ साथ एक सहयोगी भी चलता है। आराम के वक्त सहयोगी कांवड़ को कंधे पर रखता है।

झूला कावड़

बांस से झूले के आकार की कावड़ बनाई जाती है। इसमें गंगाजल से भरे पात्र दोनों तरफ लटकाए जाते हैं। आराम करते समय कांवड़ नीचे नहीं रखते हैं।

डाक कावड़

इसमें कावड़िए कहीं नहीं रुकते हैं। 24 घंटे के भीतर गंगाजल को शिव जी पर अभिषेक करना पड़ता है। इसके लिए विशेष रास्ता बनाया जाता है।

दंडवत कावड़

ये सबसे कठिन कावड़ मानी जाती है। नदी के तट से शिव जी के धाम तक दंडवत होकर यात्रा करना पड़ता है। इस यात्रा में 15 से 30 दिन लगते हैं।

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