इस बार गंगा दशहरा 30 मई को है। इस दिन लोग गंगा में स्नान करते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। यदि गंगा नदी में स्नान नहीं कर पाते तो आसपास की नदियों व सरोवरों में स्नान करते हैं।
गंगा स्नान के समय नदी की धारा या उगते सूर्य की ओर मुख करके नहाएं। गंगा स्नान के समय सूर्य देव को गंगाजल से अर्घ्य अवश्य दें। सूर्य देव का ध्यान करें।
गंगा स्नान के समय 3, 5, 7 या 12 डुबकियां लगाना शुभ माना जाता है। गंगा स्नान करते समय मन में छल-कपट न रखें। मां गंगा का स्मरण का स्मरण करें।
गंगा में स्नान करते वक्त पाप धोने से ज्यादा मन का मैल धोना जरूरी माना गया है। इसलिए स्नान करते हुए मां गंगा (गंगा दशहरा व्रत कथा) के मंत्रों का निरंतर जाप करें।
गंगा स्नान करते समय भगवान शिव का स्मरण करें। 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। महादेव के मंत्र जाप के बाद गंगा स्तोत्र का पाठ करना न भूलें।
मां गंगा के स्तोत्र के बाद उनकी स्तुति गाएं और फिर मां गंगा को दूध चढ़ाएं। दूध चढ़ाने के बाद मां गंगा की आरती गाएं। गंगा तट पर 108 दीपक जलाएं।
गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करते समय पितरों का स्मरण करें और मां गंगा से उन्हें मोक्ष प्रदान करने की प्रार्थना करें। इससे पितृ प्रसन्न होंगे।
गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान के बाद किसी भी सफेद वस्तु जैसे दूध, चावल, मिष्ठान, कपड़ा आदि का दान करें। सफेद गाय का दान और भी शुभ होगा।
गंगा स्नान करते समय शैम्पू, साबुन, तेल आदि चीजों का प्रयोग न करें। मन की शुद्धता से गंगा स्नान करें। तभी स्नान का पुण्य प्राप्त होगा।