कालसर्प दोष, यह बहुत ही अशुभ माना जाता है। कालसर्प दोष मुख्य रूप से 12 प्रकार का होता है और इसका निर्धारण जन्म कुंडली देखकर ही किया जा सकता है।
अनन्त कालसर्प दोष होने पर व्यक्ति को किसी भी सोमवार को एकमुखी, आठमुखी अथवा नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। यदि इस दोष के कारण स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है।
कुलिक नामक कालसर्प दोष होने पर दो रंग वाला कंबल अथवा गर्म वस्त्र दान करें। चांदी की ठोस गोली बनवाकर उसकी पूजा करें और उसे अपने पास रखें।
वासुकि कालसर्प दोष होने पर रात को सोते समय सिरहाने पर थोड़ा बाजरा रखें और सुबह उठकर उसे पक्षियों को खिला दें। किसी भी सोमवार को लाल धागे में तीन, आठ या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
शंखपाल कालसर्प दोष के निवारण के लिए 400 ग्राम साबुत बादाम बहते जल में प्रवाहित करें। सोमवार के दिन शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें।
पद्म कालसर्प दोष होने पर किसी भी सोमवार से आरंभ करते हुए 40 दिनों तक रोज सरस्वती चालीसा का पाठ करें। जरूरतमंदों को पीले वस्त्र का दान करें और तुलसी का पौधा लगाएं।
महापद्म कालसर्प दोष के निदान के लिए हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें। गरीब, असहायों को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।
तक्षक कालसर्प योग के निवारण के लिए 11 नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें। सफेद कपड़े और चावल का दान करें।
कर्कोटक कालसर्प योग होने पर बटुकभैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही-गुड़ का भोग लगाएं और पूजा करें। शीशे के आठ टुकड़े नदी में प्रवाहित करें।
शंखचूड़ नामक कालसर्प दोष की शांति के लिए रविवार की रात सोने से पहले सिरहाने के पास जौ रखें और उसे अगले दिन पक्षियों को खिला दें। पांचमुखी, आठमुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
घातक कालसर्प के निवारण के लिए पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल पर रखें। चार मुखी, आठमुखी और नौ मुखी रुद्राक्ष हरे रंग के धागे में धारण करें।
विषधर कालसर्प दोष के निदान के लिए परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर नारियल लेकर एक-एक नारियल पर उनका हाथ लगवाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें। भगवान शिव के मंदिर में जाकर यथाशक्ति दान-दक्षिणा दें।
शेषनाग कालसर्प दोष होने पर रविवार की रात्रि को लाल कपड़े में थोड़े से बताशे व सफेद फूल बांधकर सिरहाने रखें और उसे अगले दिन सुबह उन्हें नदी में प्रवाहित कर दें। गरीबों को दूध व अन्य सफेद वस्तुओं का दान करें।