Know special fect about Sun God : नया वर्ष रविवार से शुरू


By Rajneesh Bajpai2023-01-01, 00:35 ISTnaidunia.com

सूर्य सारे जगत का आधार

वैदिक काल में आर्य सूर्य को ही सारे जगत का आधार मानते थे। सूर्य से ही इस पृथ्वी पर जीवन है, यह आज एक सर्वमान्य सत्य है।

सूर्य को भगवान का नेत्र

यजुर्वेद ने चक्षो सूर्यो जायत कह कर सूर्य को भगवान का नेत्र माना है।

प्रसिद्ध गायत्री मंत्र सूर्य पर

प्रसिद्ध गायत्री मंत्र सूर्य परक ही है। सूर्योपनिषद में सूर्य को ही संपूर्ण जगत की उतपत्ति का एक मात्र कारण निरूपित किया गया है।

रोग से मुक्ति देते हैं सूर्य

ऋषि दुर्वासा के शाप से कुष्ठ रोग ग्रस्त श्री कृष्ण पुत्र साम्ब ने सूर्य की आराधना कर इस भयंकर रोग से मुक्ति पायी थी।

तीनों लोकों को प्रकाशित करते हैं सूर्य

श्रीमदभागवत पुराण में श्री शुकदेव जी के अनुसार:- भूलोक तथा द्युलोक के मध्य में अन्तरिक्ष लोक है। इस द्युलोक में सूर्य भगवान नक्षत्र तारों के मध्य में विराजमान रह कर तीनों लोकों को प्रकाशित करते हैं।

दिन रात बनाते हैं सूर्य

उत्तरायण, दक्षिणायन तथा विषुक्त नामक तीन मार्गों से चलने के कारण कर्क, मकर तथा समान गतियों के छोटे, बड़े तथा समान दिन रात्रि बनाते हैं।

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