हिंदू धर्म में वैशाख का माह काफी खास होता है। इसी माह में सूर्य देव अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करते हैं।
सूर्य जब अपनी उच्च राशि यानी मेष राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस समय उनकी पूजा से की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।
इस अवधि में सूर्य देव की उपासना करने से बहुत ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों में सूर्य देव को अर्घ्य देने के विभिन्न तरीके बताए गए हैं। जिन्हें करके व्यक्ति मान-सम्मान और आरोग्य प्राप्त कर सकता है।
कुंडली में सूर्य कमजोर हो, तो तांबे के लोटे में जल, सिंदूर, अक्षत और लाल फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। इससे सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है।
किसी काम में सफलता चाहिए तो तांबे के लोटे में जल के साथ थोड़ा सा लाल चंदन डाल लें। इस तरह अर्घ्य देने से कार्य सिद्ध होता है।
प्रतियोगी परीक्षा या कानूनी मामलों में सफलता के लिए तांबे के लोटे में जल के साथ काली मिर्च डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। हर काम में सफलता मिलेगी।
सेहत और रोग-मुक्ति के लिए तांबे के लोटे में जल के साथ बेलपत्र डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। इससे परिवार के सदस्यों की सेहत भी अच्छी रहेगी।