देवी-देवताओं की पूजा में भोग लगाने को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे देवता प्रसन्न होते हैं।
मान्यता के अनुसार पूरे श्रद्धाभाव से देवता को भोग लगाने पर वे अपनी कृपा और आशीर्वाद बरसाते हैं।
भगवान को भोग लगाते वक्त कुछ नियमों का ध्यान रखना आवश्यक माना जाता है। तभी पूजा का फल मिलता है।
भोग जिस पात्र में चढ़ाया जा रहा है, वो सोना, मिट्टी या पीतल का हो। इसके अलावा केले या पान के पत्ते में भोग लगा सकते हैं।
भोग ताजा पका हुआ और सफाई से बना होना चाहिए। ये भोग जितना ताजा होगा, उतना ही अच्छा माना जाता है।
भोग का किसी भी प्रकार से अनादर ना हो। इसे फेंके नहीं और ना ही इसे या पात्र को गंदे हाथों से छुएं।
भोग को स्वच्छ हाथों से भगवान को अर्पित करें और भोग को भगवान के भोजन के समान आदर दें।
भोग लगा देने के बाद इसे ज्यादा समय तक भगवान के समक्ष रखना अच्छा नहीं माना जाता।
भोग लगाने के बाद इसे पूजा स्थल से हटाएं और किसी स्वच्छ स्थान पर रखकर भक्तों में प्रसाद वितरित करें।