अपनी पत्नी के कभी पैर नहीं छूने चाहिये।
मंदिर में भगवान की मूर्ति के सामने किसी के पैर नहीं छूने चाहिये।
शयन की अवस्था में भी किसी व्यक्ति के पैर नहीं छूने चाहिये।
मुक्तिधाम अथवा श्मशान से लौटते हुए व्यक्ति के पैर नहीं छूना चाहिये।
मामा को अपने भांजे के पैर नहीं छूना चाहिये
बेटियां देवी स्वरूप होती हैं, इसलिये उन्हें अपने पिता के पैर नहीं छूने चाहिये।
अपने छोटे भाई के साथ साला-साली के पैर भी छूना वर्जित है।