पृथ्वी चौहान के बनवाए वनखंडेश्वर मंदिर में हुआ था लक्ष्मीबाई का कर्ण छेदन


By Anil Tomar08, Aug 2023 12:09 PMnaidunia.com

कहां है वनखंडेश्वर मंदिर

प्राचीन वनखंडेश्वर मंदिर चंबल अंचल के भिंड जिला मुख्यालय पर है। इस मंदिर में जल रही है सालों से ज्योति। दीपक जलाया जाता है शुद्ध देसी घी से। लोग घी करते हैं दान।

किसने बनवाया था मंदिर

यह मंदिर 11वीं शताब्दी में राजा पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनवाया गया था। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव का विशाल शिवलिंग है।

वीरांगना लक्ष्मीबाई का कर्ण छेदन संस्कार

पृथ्वीराज चौहान के बनवाए इस मंदिर में महारानी लक्ष्मीबाई का कर्ण छेदन संस्कार हुआ था। लक्ष्मीबाई ने वनखंडेश्वर मंदिर की तर्ज पर झांसी में भी मंदिर का निर्माण कराया था।

10 फीट ऊंचा और 5फीट व्यास का शिव लिंग

वनखंडेश्वर मंदिर में विशाल शिवलिंग है। इस शिवलिंग का व्यास ही 5 फीट का है और ऊंचाई भी 10 फीट की है। खासबात यह है कि चंबल क्षेत्र में यह सबसे बड़ा शिवलिंग है।

मंदिर की सुरक्षा के लिए ऊंची दीवार

मंदिर के चारों ओर एक दीवार है। दीवार लाल बलुआ पत्थर से बनी हुई है और यह बहुत ही मजबूत है। दीवार पर कई तोपों के छेद हैं। मंदिर के चारों ओर एक गड्ढा भी है, जो मंदिर की सुरक्षा के लिए बनाया गया है।

परिसर में कई अन्य मंदिर भी

मंदिर के अंदर कई अन्य मंदिर भी हैं। इन मंदिरों में भगवान विष्णु, भगवान राम, भगवान कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। मंदिर के अंदर एक भंडार गृह भी है, जहां प्रसाद और धार्मिक सामग्री रखी जाती है।

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