हिंदू धर्म में कलयुग को आखिरी युग माना गया है। इस युग को लेकर कहा गया है कि यह युग सभी युगों के मुकाबले ज्यादा पाप से भरा होगा।
कलयुग में लोगों में द्वेष की भावनाएं काफी ज्यादा होगी। ऐसा ही भगवान कृष्ण द्वापर युग में ही कलयुग को लेकर भविष्यवाणी कर दी थी।
दरअसल, महाभारत काल में जब पांडव जुए में अपना सब कुछ हार गए, तब युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से पूछा, ‘हे नारायण! द्वापर युग समाप्त होने वाला है, कलियुग आने वाला है, ऐसे में हम भाइयों को बताएं कि कलयुग कैसा होगा?
ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि आप सभी वन में जाकर उन्हें इसके बारे में बताएं। जब सभी वन से लौटे तो उन्होंने जो बातें बताई, जिस आधार पर श्रीकृष्ण ने कलयुग को लेकर भविष्यवाणी बताई है।
जब युधिष्ठिर वन से लौटे, तो उन्होंने भगवान कृष्ण से कहा कि उन्होंने वन में दो सूंड वाला एक हाथी देखा है। तब भगवान कृष्ण ने उनसे कहा कि कलियुग में जो लोग कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं, वही राज करेंगे।
वन से लौटे भीम ने भगवान कृष्ण को बताया कि वन में एक गाय अपने बछड़े को चाट रही थी, जिससे उसके शरीर से खून बह रहा था। कृष्ण ने इसका अर्थ समझाते हुए कहा कि कलयुग में मां की ममता के कारण बच्चों का विकास ठीक से नहीं हो पाएंगा।
वन से लौटते समय अर्जुन ने बताया कि एक पक्षी दिखाई दिया, जिस पर वेदों की ऋचाएँ लिखी हुई थीं, लेकिन वह मृत जानवर का मांस खा रहा था। यह सुनकर भगवान कृष्ण ने कहा कि कलियुग में लोग खुद को बहुत ज्ञानी समझेंगे। लेकिन उनकी प्रवृत्ति राक्षसी होंगी।
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