भगवान भोलेनाथ की आराधना पूरे भारतवर्ष में अनेक रूपों में की जाती है। भगवान शिव को कभी रौद्र रूप तो कभी सौम्य स्वरूप में अवतार के लिए भी जाना जाता है।
शिव महापुराण में भगवान शिव के अनेक अवतारों का उल्लेख मिलता है। शिव के अंशावतार भी बहुत है। शिव के कुछ प्रमुख अवतार ये हैं।
शिव महापुराण के अनुसार सप्तर्षियों ने महादेव के वीर्य को केसरी की पत्नी अंजनी के कान के माध्यम से उनके गर्भ में स्थापित कर दिया, जिससे हनुमान जी की जन्म हुआ।
एक पौराणिक कथा के मुताबिक काल भैरव के बार ब्रह्महत्या के दोषी हो गए थे। शिव पुराण में काल भैरव को भगवान शंकर का पूर्ण रूप बताया गया है।
मान्यता है कि वीरभद्र भगवान शिव के वर हैं और यह अवतार उनकी जटा से उत्पन्न हुआ था। भगवान शिव की जटा के पूर्व भाग से वीरभद्र प्रकट हुए थे।
शास्त्रों में अश्वत्थामा को काल, क्रोध, यम और भगवान शंकर का अंशावतार माना गया है। महाभारत में अश्वत्थामा को युद्ध के आखिर में सेनापति बनाया गया था।