आचार्य चाणक्य ने ऐसी 5 स्त्रियों के बारे में बताया हैं, जिनका सम्मान करने से मां-लक्ष्मी कभी भी आपसे नाराज नहीं होते है। आइए जानते हैं चाणक्य कैसी स्त्रियों का सम्मान करने की बात कर रहें है?
चाणक्य को राजनीति और अर्थशास्त्र का विद्वान माना जाता है। आचार्य की नीतियां और उपदेश आज शताब्दियों के बाद भी लोगों के लिए नेतृत्व करते है।
गुरु की पत्नी मां तुल्य होती है। इसी वजह से उसे सम्मान के भाव से देखना चाहिए, साथ ही गुरु की मां को भी सम्मान भाव से देखना चाहिए।
चाणक्य के अनुसार, राजा अपनी पूरी प्रजा को संतान की तरह पालता है। ऐसे में राजा की पत्नी का सम्मान भी करना चाहिए।
सांस भी मां के समान होती है। क्योंकि आपकी सांस आपके पत्नी की मां होती है। सांस के सम्मान और उनकी सेवा करने से परिवार में सौहार्द बना रहता है और संबंध में मधुरता आती है।
माता-पिता को ईश्वर का रूप होते हैं। चाणक्य ने कहां हैं कि मां की सेवा करनी चाहिए। ऐसा करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और संकट के सभी बादल छट जाते हैं।
मित्र के साथ मित्रता के लिए मित्र के प्रति ईमानदार और विश्वासी रहना चाहिए। मित्र की पत्नी के साथ भी हमेशा सम्मान और शिष्टाचार के साथ पेश आना चाहिए।
मां-लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मां का, सांस का, मित्र की पत्नी, राजा की पत्नी और गुरु की पत्नी की सम्मान करना चाहिए। साथ ही, सभी अपने से योग्य स्त्रियों का सम्मान करें।