मां शारदा देवी मंदिर, मैहर त्रिकूट पर्वत पर स्थित यह मंदिर शक्ति पीठ माना जाता है। यहाँ माता शारदा का दर्शन करने लाखों श्रद्धालु नवरात्रि में आते हैं।
यह मंदिर आदि शक्ति के त्रिपुर सुंदरी रूप को समर्पित है। यहाँ साधक आध्यात्मिक शक्ति प्राप्ति हेतु आते हैं।
उज्जैन का यह प्राचीन मंदिर शाक्त परंपरा का केंद्र है। यहाँ माँ हिंगलाज को शक्ति की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है।
इसे 51 शक्तिपीठों में गिना जाता है। कहते हैं यहाँ देवी सती का कोहनी भाग गिरा था।
यह मंदिर दशमहाविद्याओं में से एक मां बगलामुखी को समर्पित है। यहाँ शत्रुनाश और विजय के लिए साधना की जाती है।
खजुराहो के मंदिर समूह का यह प्रमुख मंदिर अन्न की अधिष्ठात्री देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है। श्रद्धालु यहाँ अन्न एवं समृद्धि की कामना करते हैं।
यहा मां चामुंडा का भव्य मंदिर स्थित है। कहते हैं देवी यहाँ अपने उग्र रूप में प्रकट हुई थीं।
स्कंद पुराण में वर्णित यह मंदिर प्राचीन काल से पूजित है। माना जाता है कि कालिदास ने यहाँ माता की आराधना कर विद्या प्राप्त की थी।
यह मंदिर नर्मदा नदी उद्गम स्थल पर स्थित है। यहाँ नर्मदा मैया को देवी स्वरूप में पूजा जाता है।