संगम स्नान से धुल जाते हैं सारे पाप, जानें माघ मेले की विशेषता


By Prakhar Pandey05, Feb 2024 06:52 PMnaidunia.com

प्रयागराज माघ मेला

प्रयागराज का माघ मेला उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है। आइए जानते है संगम स्नान और माघ मेले की विशेषता के बारे में।

संगम स्नान

माघ मेले में गंगा और संगम स्नान के लिए देश विदेश से पर्यटक आते है। मान्यता अनुसार, संगम में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते है।

पद्म पुराण

संगम में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते है और कष्टों में भी कमी आती है। पद्म पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि जो भी त्रिवेणी संगम पर नहाता है उसके मोक्ष की प्राप्ति होती है।

तीन नदियों का संगम

प्रयागराम में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है। इसी स्थल को त्रिवेणी संगम कहते है। माघ मेले में स्नान करना शुभ होता है।

माघ मेला

माघ मेले का भव्य आयोजन किया जाता है। यहा कई साधु, संत कल्पवास कर धार्मिक कार्य करते हैं। कल्पवास से साधक को मन औप इंद्रियों पर नियंत्रण करने की शक्ति प्राप्त होती है।

कल्पवास से लाभ

कल्पवास साधक को मन और इंद्रियों पर नियंत्रण करने की शक्ति प्राप्त होती है। 15 जनवरी 2024 से माघ मेले की शुरुआत हो चुकी है। महाशिवरात्रि के स्नान के साथ माघ मेले की समाप्ति होती है।

भगवान विष्णु और श्री कृष्ण

माघ के महीने में भगवान विष्णु और भगवान श्री कृष्ण की विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए। इस माह में व्यक्ति को मांसहार, शराब जैसे तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। संगम जा रहे है तो साइबेरियन पक्षियों का दीदार जरूर करें।

तुलसी की पूजा

माघ माह में संगम का स्नान कर रहें व्यक्ति को ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए। साथ ही, तुलसी के पौधे की पूजा भी करनी चाहिए।

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