क्यों श्री कृष्ण ने ही किया था कर्ण का अंतिम संस्कार?


By Sahil16, Apr 2024 08:00 PMnaidunia.com

महाभारत के किस्से

भारत का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ महाभारत को बताया जाता है। श्री कृष्ण ने युद्ध के दौरान अर्जुन को गीता का ज्ञान भी दिया। इसके अलावा, महाभारत से जुड़े कई अन्य किस्से भी अक्सर चर्चा में रहते हैं।

दानवीर कर्ण

महाभारत में कर्ण को सबसे बड़ा दानवीर माना गया है। कर्ण एक बड़े योद्धा होने के साथ ही बड़े दानवीर भी थे। वह दान मांगने वाले को कभी भी काली हाथ नहीं जाने देते थे।  

कृष्ण ने ली परीक्षा

भगवान कृष्ण ने कर्ण के अंतिम समय में उसकी परीक्षा ली। कृष्ण के दान मांगने पर कर्ण ने अपने सोने का दांत उखाड़कर उन्हें दे दिया।

भगवान कृष्ण ने दिया वरदान

कर्ण के दान देने की क्षमता को देखकर भगवान कृष्ण ने उसे वरदान मांगने के लिए कहा। उस समय कर्ण ने तीन वरदान मांगे। इसमें पहला था कि उनके वर्ग के लोगों का कल्याण किया जाएं।

श्री कृष्ण से मांगा दूसरा वरदान

कर्ण ने भगवान कृष्ण से दूसरा वरदान मांगा कि वह अगला जन्म उनके राज्य में लें। श्री कृष्ण ने कर्ण के इस वरदान को भी प्रसन्नता के साथ स्वीकार कर लिया।

पाप मुक्त करें अंतिम संस्कार

कर्ण ने अपने तीसरे वरदान में मांगा कि उनका अंतिम संस्कार कोई पाप मुक्त व्यक्ति ही करें। श्री कृष्ण इस वरदान को पूरा करने में थोड़ी दुविधा में पड़ गए।

कृष्ण ने किया कर्ण का अंतिम संस्कार

वरदान देने की वचन बद्धता की वजह से भगवान कृष्ण ने खुद ही अपने हाथों से दानवीर कर्ण का अंतिम संस्कार किया। यही कारण था कि श्री कृष्ण ने अधर्म का साथ देने वाले कर्ण का भी अंतिम संस्कार किया।

डिस्क्लेमर

यहां दी गई जानकारी सामान्य और धार्मिक मान्यता पर आधारित है। हमारी तरफ से यहां दी गई सूचना को लेकर किसी तरह का कोई दावा नहीं किया जा रहा है।

यहां हमने जाना की भगवान कृष्ण ने दानवीर कर्ण का अंतिम संस्कार क्यों किया था। ऐसी ही अन्य धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ

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