महाभारत के युद्ध में कई ऐसे महाबली योद्धा जिन्हें पराजित कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं थी। अर्जुन भी सबसे बेहतरीन योद्धा में गिने जाते थे। आइए जानते है युद्ध में अर्जुन को टक्कर देने वाले शूरवीर के बारे में।
कर्ण और अर्जुन के बीच महाभारत के रण में काफी भयानक युद्ध हुआ था। इस युद्ध में भले ही विजय अर्जुन की हुई हो परंतु कर्ण को हरा पाना सबसे मुश्किल काम था।
अर्जुन को युद्ध में कर्ण ने कई बार पराजित किया था। अर्जुन और कर्ण दोनों ही सर्वश्रेष्ठ योद्धा और धनुरधारि थे। दोनों के भयंकर युद्ध में कई शस्त्रों का उपयोग हुआ था।
महाभारत का युद्ध कुल 18 दिनों तक चला था। इस दौरान जब गुरु द्रोण के बाद कर्ण को सेनापति बनाया गया तो उसने युद्ध के 17वें दिन अर्जुन को चार बार पराजित किया था।
कर्ण ने न सिर्फ अर्जुन बल्कि पांडवों में अर्जुन के ज्येष्ठ भीम को भी हराया था। भीम को कर्ण ने धनुर्विद्या में पराजित किया था। इसकी वजह यह थी कि भीम के पास गदा चलाने का कौशल था।
युद्धभूमि में अर्जुन को सिर्फ कर्ण से ही नहीं बल्कि पितामह भीष्म और गुरु द्रोण मे भी कड़ी टक्कर दी थी। अर्जुन को हराना इन योद्धाओं के लिए मुश्किल न होता, अगर अर्जुन के साथ श्रीकृष्ण ने होते तो।
भीष्म के सामने अर्जुन हथियार नहीं उठाना चाहते थे। वहीं भीष्म कौरवों की सेना का प्रतिनिधित्व भी कर रहे थे। ऐसे में भीष्म का अर्जुन से युद्ध करना अनिवार्य था। अर्जुन रिश्तों की मर्यादा के चलते भीष्म और कर्ण के सामने कमजोर पड़ रहे थे।
महाभारत के रण के अंत में अर्जुन कर्ण को सिर्फ इसलिए पराजित कर पाएं क्योंकि कर्ण ने जीवन में कई बुरे कर्म किए थे। ऐसे में कर्ण को उनके कर्मों का फल मिलता है।