महामृत्युंजय मंत्र का हिंदी में अर्थ क्या है?


By Prakhar Pandey21, Jan 2024 08:16 AMnaidunia.com

धार्मिक महत्व

धार्मिक शास्त्रों में महामृत्युंजय मंत्र का विशेष महत्व बताया गया है। आइए जानते है महामृत्युंजय मंत्र का हिंदी में अर्थ क्या है?

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥, शिव जी को प्रशन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

आइए जानते है अर्थ?

ॐ का अर्थ शिव से है, त्र्यम्बकं का मतलब तीन नेत्रों वाले औप यजामहे का अर्थ हैं कि जिनका हम दिल से सम्मान करते है।

सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

सुगन्धिं का अर्थ है एक मीठी सुगंध के समान, पुष्टि का मतलब फलने फूलने वाली स्थिति और वर्धनम् का अर्थ जो पोषण करते है और बढ़ने की शक्ति देते हैं।

उर्वारुकमिव बन्धनान्

उर्वारुकम् का मतलब ककड़ी से है, वहीं ईव का अर्थ जैसे इस तरह मतलब होता है और बन्धनान् का अर्थ बंधनों से मुक्त करने वाला है।

मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्

मृत्यो का अर्थ है मृत्यु से है, र्मुक्षी का अर्थ है हम स्वतंत्र है और हमें मुक्ति दें, मा का मतलब न और मृतात् का अर्थ अमरता और मोक्ष होता है।

रोजाना सुबह करें इस मंत्र का जाप

रोजाना सुबह 4 बजे या ऑफिस करने से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से नकारात्मकता दूर होती है।

108 बार जाप

शिवपुराण के अनुसार, 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति जीवन में खूब लाभ कमाता है। इस मंत्र के जाप से भोले बाबा अति प्रसन्न होते है।

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