सावन महीने में हर सप्ताह में एक दिन मंगला-गौरी व्रत होता है। आइए जानते हैं अखंड सौभाग्य के लिए किस दिन पढ़े मंगला-गौरी की आरती?
मंगला गौरी का व्रत अखंड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। यह व्रत विवाहित महिलाएं और अविवाहित कन्याएं भी रखती है।
मंगला-गौरी की आरती करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही मंगला गौरी की विधिवत पूजा से जातक की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है।
मंगला गौरी व्रत करने से विवाहित महिलाओं का जीवन सुखमय होता है और कुवांरी कन्याओं की जल्द शादी के योग बनते है।
मंगला गौरी व्रत सावन के हर मंगलवार के दिन किया जाता है। मान्यता हैं कि इस व्रत को रखने से मां पार्वती और शिव जी बेहद प्रसन्न होते है।
सावन मास में मंगला गौरी का व्रत भगवान शिव और उनकी अर्धांगिनी देवी गौरी का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता हैं। यह व्रत पूर्ण रूप से मां गौरी और भोले बाबा को समर्पित होता है।
2023 में सावन में 9 मंगला गौरी व्रत है। इस दौरान अगर आप मंगला-गौरी का व्रत रखती है तो विधिपूर्वक मां पार्वती की पूजा करें। मां को सोलह श्रृंगार चढ़ाएं।
व्रत के दौरान मंगला गौरी स्तोत्र का पाठ और आरती करने से शादीशुदा महिलाओं की पति की लंबी उम्र की मनोकामना पूरी होती है।