कुंडली के लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव या द्वादश भाव में मंगल स्थित होना ही मंगल दोष कहलाता है। इसे मांगलिक दोष भी कहा जाता है।
कुछ लोग सोचते हैं कि 28 वर्ष की आयु के बाद मंगल दोष समाप्त हो जाता है पर ऐसा नहीं है। यदि किसी व्यक्ति भी कुंडली में कोई दोष है, तो वह जीवन भर रहता है।
इस दोष के कारण वैवाहिक जीवन में समस्या होती है। परेशानी का प्रकार और उनकी तीव्रता एक जैसी नहीं होती है। यह कुंडली में मंगल की स्थिति पर निर्भर करती है।
मंगल कुंडली में एक सहायक ग्रह की भूमिका में होता है। इसी तरह कुंडली पर दूसरी ग्रहों का भी प्रभाव होता है। इसलिए मंडल दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
इस दोष से बचने के लिए कोई अनुष्ठान करने से पहले अच्छी तरह जानकारी ले लें। हो सकता है कि जो अनुष्ठान आप करा रहे हैं और बिल्कुल भी अtपकी सहायता ना करे।