माघ मास में आने वाली अमावस्या को ही मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पितृ आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं।
मौनी अमावस्या 9 फरवरी यानी शुक्रवार के दिन है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि इस दिन उपाय अपनाने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
मौनी अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करने का खास महत्व होता है। यदि ऐसा संभव न हो पाए तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।
घर की दक्षिण दिशा में एक चीज को रखने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इतना ही नहीं, आर्थिक तंगी से भी इंसान को छुटकारा मिल जाता है।
दक्षिण दिशा में एक सफेद कपड़ा लें और उसके ऊपर काले तिल रखें। इसके बाद पीतल या तांबे का पितृ दोष निवारण यंत्र स्थापित करें।
पितृ दोष निवारण यंत्र के पास एक दीपक जरूर जलाएं। इसके साथ ही, एक कलश में पानी भरकर भी रखें। शास्त्रों की मानें तो इस कलश के ऊपर तिल की रोटी भी आप रख सकते हैं।
यंत्र स्थापित करने के दौरान पितरों को याद करें। इसके अलावा यंत्र पर तुलसी का पत्ता, सफेद पुष्प आदि चढ़ाएं। वहीं, कलश पर चंदन का तिलक लगाना ना भूलें।
मौनी अमावस्या के मौके पर पीपल के पास दीपक जलाएं। इसके बाद 108 बार पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करते हुए पितरों को याद करें।