बिलासपुर का डिसाइपल्स आफ क्राइस्ट चर्च की स्थापना 132 साल पहले यानी 1890 को की गई थी। उस समय इसे बनाने में 30 हजार रुपये का खर्च आया था।
रेह्व.एमडी एडम्स रहे और उन्हीं की देखरेख में चर्च का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ। आज तक चर्च के मूल ढांचे में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यहां 300 से ज्यादा लोग बैठकर प्रार्थना कर सकते हैं।
चर्च में हुई विशेष प्रार्थना,मसीही समाज की ओर से शहर में क्रिसमस का पर्व रविवार को उत्साह के साथ मनाया गया।
पठन के साथ ही प्रवचन भी दिया गया। बताया कि परमेश्वर ने अपने पुत्र यीशु को इस जगत में उद्धार की योजना को पूर्ण करने के लिए भेजा है।
एक दूसरे के गले मिलकर कहा- मैरी क्रिसमस, प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में बधाई व शुभकामनाएं दी गई।
प्रेम,शांति और सौहार्द का संदेश देते हुए अनुयायियों ने एक दूसरे से खुशी का इजहार किया।
कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट गिरजाघरों में मध्यरात्रि बाद ग्रेट यीशु कम्स और टूथ इज विक्ट्री जैसे गीतों पर यीशु के अनुयायी खुशी में खूब झूमे।
शहर में कुल 44 चर्च हैं। उनके कलीसिया,पास्टर और सभी की क्वायर टीमें हैं। उनके द्वारा प्रभु के जन्मोत्सव को लेकर गीत संगीत की विशेष प्रस्तुति दी गई।
रात 12 बजे प्रभु यीशु का जन्म हुआ। भारत माता चर्च में घंटा बजने लगा। गिरजाघर जगमग हो उठा। रोशनी के बीच आसमान में रंग बिरंगे पटाखे फूटने लगे।।