पुराणों में स्नान करने के कुछ नियमों का उल्लेख मिलता है। इनमें यह भी बताया गया है कि इंसान को किसी भी निर्वस्त्र होकर नहीं नहाना चाहिए।
विष्णु पुराण के बारहवें अध्याय में लिखा है कि नग्न अवस्था में नहाने का अशुभ प्रभाव इंसान के जीवन पर पड़ता है। इसकी वजह से पितृ दोष भी लग सकता है।
शास्त्रों में कहा गया है कि स्नान करते समय स्त्री और पुरुष दोनों के शरीर पर एक कपड़ा जरूर होना चाहिए। वरना आपकी सुख-समृद्धि और शांति छिन सकती हैं।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, श्री कृष्ण ने एक बार गोपियों को समझाया था कि निर्वस्त्र होकर नहाने से जल देवता का अपमान होता है।
वातावरण में कई प्रकार के जीव सूक्ष्म रूप में मौजूद होते हैं। ऐसे में निर्वस्त्र होकर नहाने से इंसान के ऊपर दोष लग जाता है, जिसके चलते धन हानि होने लगती है।
नग्न अवस्था में स्नान करने का बुरा असर शरीर पर भी पड़ता है। माना जाता है कि निर्वस्त्र होकर नहाने से शरीर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है।
पुराणों में बताया गया है कि निर्वस्त्र होकर नहाने से चंद्र देव का अपमान होता है। इस वजह से ऐसी अवस्था में न नहाने की सलाह दी जाती है।
जिस व्यक्ति को निर्वस्त्र अवस्था में नहाने की आदत होती है, उसे पितरों की नाराजगी का सामना करना पड़ता है। पितृ दोष लगने का बुरा असर इंसान के जीवन पर पड़ता है।