भारत में हर कुछ किलोमीटर पर भौगोलिक संरचना, रहन-सहन या खान-पान को लेकर विविधता नजर आती है। आइए जानते है भारत के किस मंदिर में बांटा जाता है मांसाहारी प्रसाद?
मंदिर में अक्सर प्रसाद में मिठाई, फल, मिश्री और ड्राई फ्रूट्स दिए जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में कई ऐसे मंदिर है जहां पर मांसाहारी प्रसाद भी चढ़ाया जाता है।
कुछ मंदिरों में लोग बलिदान परंपरा को मानते है। मंदिर में प्रसाद चढ़ाने और अपने पूजनीय देवी-देवता के लिए लोग मांसाहारी भोजन करना चाहिए।
नॉन वेज आहार को प्रसाद के रूप में भारत के कई राज्यों के मंदिरों में बाटा जाता है। मान्यता अनुसार, भक्त गण भी इसका सेवन करते है।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित तरकुलहा देवी मंदिर में हर साल वार्षिक खिचड़ी मेला आयोजित किया जाता है। खासतौर पर चैत्र नवरात्रि में लोग इस मंदिर का दर्शन करके बकरा चढ़ाते है। मांस की रसोइयों द्वारा मिट्टी के बर्तन में पकाया जाता है।
ओडिशा के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में स्थित विमला मंदिर को लेकर खास मान्यता है। विमला मंदिर में खास दिनों में मांस और मछली का भोग लगाने की परंपरा है।
देवी मां काली को समर्पित कालीघाट मंदिर में पशु बलि दी जाती है। इस मंदिर में हर साल लगभग 499 बकरियां प्रदान की जाती है।
तमिलनाडु के एक गांव में स्थित मुनियांदी स्वामी मंदिर भगवान मुनियांदी को समर्पित है। भगवान के सम्मान में तीन दिवसीय वार्षिक आयोजन होता है। इस आयोजन में मटन बिरयानी और चिकन प्रसाद के रूप में दिया जाता हैं।