हिंदू धर्म में हमेशा से ही शिवलिंग पर जल अर्पित करने का रिवाज रहा हैं। आज हम आपको बताएंगे शिवलिंग पर शाम को जल चढ़ाना चाहिए या नहीं।
सावन का महीना चल रहा है। इस महीने में शिवभक्त पूरी श्रद्धा और आस्था से भोले बाबा की भक्ति में मग्न और मस्त रहते हैं। भक्त भोले बाबा को खुश करने के लिए जलाभिषेक से लेकर रुद्राभिषेक तक करते हैं।
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय दिशा का खास ख्याल रखना चाहिए। जल चढ़ाते समय भक्तों को उत्तर दिशा की ओर मुंह करके जल अर्पित करना चाहिए। दक्षिण और पूर्व दिशा की ओर मुंह करके जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
फल प्राप्ति के लिए कभी भी खड़े होकर शिवलिंग पर जल अर्पित न करें। हमेशा आराम से बैठकर मंत्रोच्चार करते हुए ही शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
तांबे के लोटे से ही हमेशा शिवलिंग पर जल अर्पित करें। ऐसे बर्तनों को इस्तेमाल बिल्कुल न करें जो लोहे से बने हो। तांबे का पात्र सबसे अधिक शुभ माना जाता है।
भोलेनाथ को खुश करे के लिए ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए गाय के दूध और जल से अभिषेक करें। साथ ही फूल, धतूरा, बेलपत्र आदि चढ़ाने से भी भोले बाबा आपकी सभी परेशानियां दूर करेंगे।
शिवलिंग पर कभी भी शाम के समय में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। मान्यता हैं कि इस दौरान शिवलिंग पर जल चढ़ाने से कोई लाभ नहीं मिलता है।
सुबह में 5 बजे से लेकर 11 तक जल चढ़ाना सबसे शुभ माना जाता है। जलाभिषेक करते हुए ध्यान रखें कि उसमें कोई अन्य सामग्री न मिली हो।