पद्मिनी एकादशी मलमास या अधिक मास में आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह एकादशी 3 साल में एक बार आती है। इसे कमला एकादशी भी कहा जाता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार पद्मिनी एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को दोगुना पुण्य मिलता है। यह एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है।
पद्मिनी एकादशी 28 जुलाई को दोपहर 2.50 बजे शुरू होगी और 29 जुलाई को दोपहर 1.6 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के कारण एकादशी व्रत 29 जुलाई को रखा जाएगा।
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, पद्मिनी एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु की आराधना करें।
एकादशी व्रत से एक दिन पहले ही मांस, मछली, प्याज, मसूर की दाल आदि का सेवन बंद कर देना चाहिए। एकादशी व्रत पर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति पूरी निष्ठा के साथ व्रत का पालन करता है, उसे विष्णु लोक में स्थान मिलता है। साधकों को श्री हरि के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।