क्या आपको भी गर्दन में दर्द या शरीर ऑस्टियोपोरोसिस जैसी दिक्कत रहती है? अगर हां तो आज हम आपको एक ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे, जो आपकी कई दिक्कत को कम करने में मदद कर सकता है। आइए जानें परिवृत्त त्रिकोणासन करने के शरीर को क्या फायदे होते हैं।
परिवृत्त त्रिकोणासन करने से शरीर मुड़ता है जिससे गर्दन और कंधों की अकड़न कम होती है। इस आसन को करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मसल्स रिलैक्स होती हैं।
परिवृत्त त्रिकोणासन हड्डियों को स्ट्रांग करने में मदद करता है। इस योगासन को करने से पैरों की मसल्स की डेंसिटी बढ़ती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है।
इस योगासन को करने से पेट की नसों और पार्ट्स की हल्की मसाज होती है, जिससे कब्ज, अपच और गैस जैसी प्रॉब्लम्स से छुटकारा मिलता है।
परिवृत्त त्रिकोणासन करने से रीढ़ की हड्डी की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है, जिससे कमर दर्द में आराम मिलता है और शरीर एक्टिव और एनर्जेटिक रहता है।
इस योगासन को करने से हार्ट और लंग्स की वर्किंग कैपेबिलिटी अच्छी होती है। इससे पूरे शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति अच्छे से होती है।
इस योगासन को करने से पैरों और हिप्स की मसल्स स्ट्रांग होती हैं, जिससे जोड़ों का दर्द कम करने में मदद मिलती है और शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती हैं।
हेल्दी रहने के लिए परिवृत त्रिकोणासन को आप भी अपने रूटीन में शामिल करें और नियमित करें। इस तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए naidunia.com पर क्लिक करें।