हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है, लेकिन पितृ दोष लगने से इंसान को पितरों की कृपा नहीं मिल पाती है। आइए जानते हैं कि पितृ दोष कितनी पीढ़ी तक रहता है-
पितृ दोष 7 पीढ़ियों तक रहता है और इससे वंश को आगे बढ़ाने में परेशानियां आती है। साथ ही, पितृ दोष लगने से घर में बार-बार संतानों की मृत्यु भी होती रहती है।
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि कोई व्यक्ति पितृ दोष से परेशान होता है, तो उसका प्रभाव केवल उस इंसान पर नहीं बल्कि साथ रहने वालों पर भी पड़ता है।
अक्सर घर में अचानक मृत्यु हो जाती है और उसके अंतिम संस्कार या तर्पण सही तरीके से नहीं किया जाता, जिसके कारण उसकी आत्मा भटकती है। इस वजह से घर-परिवार के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अगर घर के मुखिया पर पितृ दोष लगता है, तो वह क्रोध,निराशा से घिरा रहता है और वंश को आगे बढ़ाने के लिए कई समस्याओं का सामना करता है।
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि पितृपक्ष में अपने पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने से पितृदोष से मुक्ति पाने का सबसे अच्छा उपाय है। गरीबों और ब्राह्मणों को दान करने से पितृ पक्ष से मुक्ति पा सकते हैं।
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि घर के मुखिया ने किसी जीव, सांप या किसी असहाय व्यक्ति की हत्या या अत्याचार किया है, तो पितृ दोष लगता है।
पितृ दोष सात पीढ़ी तक रहता है। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM