पितृपक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है। भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन माह के कृष्णपक्ष अमावस्या तक पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। आइए जानते हैं किन मंत्रो का जाप करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
मान्यता है कि 15 दिन के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते है। इस दौरान आपके परिवार के पूर्वज किसी भी रूप में घर के आंगन में आ सकते हैं।
पितृ पक्ष में कोई भी ऐसा काम करने से बचना चाहिए जिससे आपको पूर्वजों का अनादर हो। बल्कि आपको ऐसे प्रयास करने चाहिए जिससे पितृ खुश हो।
श्राद्ध के समय पितरो को खुश करने के लिए विधि-विधान से पूजा और फिर तर्पण करना चाहिए। नियमित रुप से पितृ पक्ष में आरती करने से सकारात्मकता आती है।
पितृ पक्ष में नियम से आरती करनी चाहिए। सुबह निवृत होने के बाद पितरों के सामने हाथ जोड़े और मन उन्हें याद करें। ऐसा करने से आपको मानसिक रूप से भी शांति मिलेगी।
पितरो को खुश करने के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए। साथ ही भजन और आरती करने से भी पितृ प्रसन्नता से गदगद हो जाते है।
ॐ द्रां दत्तात्रेयाय स्वाहा मंत्र का पितपक्ष के 15 दिनों तक हर रोज 108 बार जाप करें। ऐसा करने से पितृ काफी प्रसन्न होते है।
‘श्री दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा।’ या ‘ॐ द्रां दत्तात्रेयाय स्वाहा’ का जाप करने से पितृ काफी खुश होते है। पितृ पक्ष के 15 दिन तक गाय को रोटी खिलानी चाहिए।