हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है और जीवन में खुशहाली बनी रहती है। आइए जानते हैं कि सितंबर का आखिरी प्रदोष व्रत,इस विधि से पूजा करने पर मिलेगा आशीर्वाद-
प्रदोष व्रत को हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत को रखने से जीवन की सारी मनोकामना पूर्ण होती है।
पूजा के लिए एक साफ-सुथरा स्थान चुनें और वहां एक चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति रखें।
प्रदोष व्रत के समय में 'ॐ नमः शिवाय'का जाप करना शुभ माना जाता है। इससे भगवान शिव अपने भक्तों से प्रसन्न रहते हैं।
पूजा के समय में भगवान शिव को फूल, जल, और फल चढ़ाएं। इससे शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार में खुशियों का आगमन होता है।
पूजा के अंत में आरती करें और फिर परिवार के लोगों में प्रसाद वितरण करें। इससे सभी लोगों को शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
प्रदोष व्रत के दिन रात को शिव का स्मरण करें और भजन-कीर्तन करें। इससे भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी कृपा प्राप्त होती है।
सितंबर का आखिरी प्रदोष व्रत,इस विधि से पूजा करने पर आशीर्वाद मिलेगा। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM