प्रेमानंद महाराज: इंसान को बर्बाद कर देती है ये 7 आदतें


By Shivansh Shekhar31, Jan 2024 03:30 PMnaidunia.com

अनजाने में पाप

कई बार लोग जाने अनजाने में कई ऐसे पाप कर जाते हैं, जिनका कोई परायश्चित नहीं होता है। ऐसे पाप इंसान के दुर्गति का कारण बनते हैं।

करना चाहिए त्याग

वृंदावन के मशहूर प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि इंसान को उन सभी बुरी आदतों का त्याग करना चाहिए, जो दुर्भाग्य या दुर्गति का कारण बनता हो।

अपनी बड़ाई

अपने मुंह से खुद की तारीफ करने वाले लोग अपनी बुद्धि का नाश खुद करते हैं। साथ ही उनके पुण्य भी नष्ट हो जाते हैं। इसलिए ऐसा न करें।

पैसों की लालच

छल, कपट और लालच करने वाले लोगों का जीवन में सुख ज्यादा देर तक नहीं टिक पाता है। लालच इंसान को नष्ट कर देता है। उसका सारा सुख छीन लेता है।

मन में द्वेष

थोड़ा सा अपमान होने पर यदि बहुत ज्यादा क्रोध आने लगे तो यह आपके विनाश का कारण बन सकता है। मन में द्वेष कभी न आने दें।

मन में द्वेष

थोड़ा सा अपमान होने पर यदि बहुत ज्यादा क्रोध आने लगे तो यह आपके विनाश का कारण बन सकता है। मन में द्वेष कभी न आने दें।

मदद न करना

यदि कोई पशु, पक्षी या मनुष्य आपकी शरण में आए तो निश्चित ही आपको उसकी रक्षा करनी चाहिए। ऐसा न करने वाले लोगों के पुण्य नष्ट हो जाते हैं।

उत्साह में पाप

यदि कोई इंसान उत्साहित या प्रेरित होकर पाप कर रहा है तो ऐसे इंसान की दुर्गति होना निश्चित है। ऐसे लोगों को ईश्वर कभी क्षमा नहीं करते हैं।

स्वयं को तेज समझना

खुद को तेज़ और दूसरों को नीच कहने वाले लोग कभी ऊपर नहीं उठ सकते हैं। जो इंसान विषमता पर विजय प्राप्त करता है, वही भगवत प्राप्ति का अधिकार है।

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