साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने वाला है। साथ ही, पितृ पक्ष का प्रारंभ भी 17 सितंबर से हो रहा है। ग्रहण के साथ ही इसका आरंभ होना कई सवाल खड़े करता है।
आने वाले 18 सितंबर 2024, बुधवार को ग्रहण छाया प्रवेश प्रातः 6 बजकर 11 मिनट और ग्रहण छाया स्पर्श प्रातः 7 बजकर 43 मिनट तक होगा।
18 सितंबर को चंद्रमा मीन राशि में संचरण कर रहे हैं ऐसे में राहु चंद्रमा को ग्रस लेगा। साल का अंतिम ग्रहण भारत को छोड़कर दुनियाभर में दिखेगा।
चंद्र ग्रहण में ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लगता है। सूतक के समय से ही भगवान की मूर्ति को स्पर्श करने से मना होता है। इस काल में भोजन करना भी मना होता है। लेकीन इसमें बच्चे, रोगी, वृद्ध को छूट होती है।
इस दौरान घर में बैठकर ईश्वर का चिंतन स्मरण करें। ग्रहण काल में भूल कर भी सोना नहीं चाहिए इसलिए इस अवधि में आप जाप कर सकते हैं। आप अपने मोबाइल में भजन सुन सकते हैं।
किसी भी ग्रहण का असर 6 महीने तक होता है। ग्रहण में राशि के अनुसार उसका प्रभाव 6 महीने तक पड़ता है। लेकिन इसके भीतर दूसरा ग्रहण लग जाए, तो इसका असर खत्म हो जाता है।
यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं लगेगा। इसका कोई संबंध भारत से नहीं है इसलिए यहां पर ग्रहण से संबंधित कोई भी यम नियम या सूतक आदि मान्य नहीं होगा।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।