साल भर में एक बार आने वाला रक्षाबंधन का त्योहार 30 अगस्त को रात 9 बजे के बाद से मनाया जाएगा। आइए जानते हैं रक्षा सूत्र बांधते हुए बहनों किस मंत्र का जाप करना चाहिए।
रक्षाबंधन का त्यौहार भाई और बहन के अटूट प्यार का त्योहार है। इस त्योहार का हर भाई-बहन साल भर इंतजार करते हैं।
यह त्यौहार सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। 30 अगस्त को सुबह 10.59 से रात 9 बजकर 2 मिनट तक भद्रकाल चलेगा।
भद्रकाल में वैदिक ज्योतिष के अनुसार भद्रा को अशुभ काल माना जाता है। इस दौरान राखी जैसे पवित्र त्योहार को मनाने से भाई को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक लंकापति रावण को उनकी बहन ने भद्रा काल में राखी बांधी थी। महज 1 साल के अंदर रावण का विनाश हो गया था।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक लंकापति रावण को उनकी बहन ने भद्रा काल में राखी बांधी थी। महज 1 साल के अंदर रावण का विनाश हो गया था।
कहा जाता हैं कि भद्रा शनिदेव की बहन थी, और उन्हें ब्रह्मा जी से श्राप मिला था कि जो भी भद्रा में मांगलिक और शुभ कार्य करेगा। उसे नकारात्मक और विनाशकारी परिणाम मिलेगा।
बहनों को भद्राकाल के बाद भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांधते हुए ‘येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:।।’ मंत्र का जाप करना चाहिए।