1528 में बाबर ने श्रीराम मंदिर को ध्वस्त कर अपनी विजय के प्रतीक के रूप में वहां पर मस्जिद बनवाई है। आइए जानते है रामलला मंदिर अयोध्या का इतिहास जानते हैं आप?
रामलला मंदिर का इतिहास 500 साल से अधिक पुराना है। लंबे इंतजार और कोर्ट के फैसले के बाद यह निर्णय आया कि विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाया जाएगा। जिसके बाद निर्माण के बाद अब प्राण प्रतिष्ठा हो रही है।
पहले भी बहुत से विदेशी आक्रमणकारियों ने अयोध्या को निशाना बनाया था। इतिहास की नजर से राम जन्म भूमि और अयोध्या पर कई विदेशी हमले हुए थे।
भारत की धन-दौलत के साथ-साथ आक्रमणकारियों ने धर्म, भारतीय संस्कृति, गौरव और राष्ट्रीय अस्मिता के चिन्हों के प्रतीकों को नष्ट कर दिया था।
भारतीय संस्कृति में भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। श्री राम राष्ट्र पुरुष भी है। वह जन-जन के आदर्श भी है।
अयोध्या पर सबसे पहला हमला यूनान ने ईसा से 3 शताब्दी पहले सरदार मिलेंडर ने किया था। शुंग वंश के पराक्रमी राजा द्युमत्सेन ने यूनानी हमलावर और सेना को घेरकर राम जन्मभूमि को मुक्त कराया था।
भारत पर हमला करने वाले ज्यादातर आक्रमणकारी राम जन्मभूमि पर कब्जा चाहते थे। इसी के चलते कई बार हमलावरों ने राम मंदिर पर आक्रमण किया था।
लंबे इंतजार के बाद श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। आगामी 22 जनवरी को इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।