रामायण में प्रभु श्रीराम के जीवन के बारे में विस्तार से जानने को मिलता है। साथ ही, इसी रामायण की सीख को अपनाकर आप अपना जीवन और भी खूबसूरत बना सकते है। आइए जानते है रामायण से मिलने वाली सीख के बारे में।
भगवान श्रीराम को प्रेम, दया और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। भगवान राम से प्रेरित होकर अगर व्यक्ति 10 प्रतिशत भी उनकी तरह जीवन जी लें तो आप संतुष्ट जीवन जी सकते है।
रावण की बुराई पर श्रीराम की अच्छाई की जीत भी हमें यह सबक देती है कि बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो अंत में जीत अच्छाई की ही होती है।
रामायण की किताब में अच्छी संगति का महत्व भी बताया है। कैकेयी को राम अधिक प्रिय थे, लेकिन मंथरा की बातों में पड़कर उन्होंने श्री राम को 14 वर्ष का वनवास दे दिया था। इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमें अच्छी संगत में ही रहना चाहिए।
रामायण में राजा दशरथ की तीन रानियों और चार पुत्रों के अलग-अलग पात्र थे । लेकिन इसके बावजूद तीनों रानियों और चारों पुत्रों में काफी ज्यादा प्यार था। यह चीज इस महाकाव्य के अनेकता में एकता के भाव को दर्शाती है।
हनुमान जी ने श्री राम के प्रति अटूट आस्था और प्रेम दिखाया था। श्री राम के प्रति उनकी लगन और निस्वार्थ सेवा यह सीख देती है कि मुसीबत में कैसे एक दोस्त की मदद करनी चाहिए।
सीता माता को लंका से वापस लाने के लिए पत्थर पर श्री राम का नाम लिखकर उसे पानी में फेंकने से वह पुल तैयार हुआ था। यह पुल ईश्वर में विश्वास और टीम वर्क की सीख देता है। ईश्वर में विश्वास हो तो व्यक्ति कुछ भी कर सकता है।
श्री राम का आचरण सभी बड़े-छोटों, हैसियत, उम्र, लिंग आदि की परवाह किए बिना सबसे समान व्यवहार करने का है। रामायण हमें हर व्यक्ति से प्रेम और सम्मान के साथ समान व्यवहार करने की सीख देता है।
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