सनातन धर्म में पूजा और पाठ को लेकर कई सारे नियम बताए गए हैं। वहीं, वास्तु शास्त्र में भी पूजा घर से लेकर दिशा तक के नियम हैं।
हरेक घर पर देवी देवताओं की पूजा के लिए एक विशेष स्थान, पूजा घर या मंदिर बना होता है। यह घर का सबसे ज्यादा शुद्ध स्थान माना जाता है।
पूजा घर में नियमित रूप से देवी देवताओं की पूजा की जाती है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि इस पवित्र स्थान पर किसी तरह का दोष न हो।
पूजा घर में पूजन से जुड़ी सभी सामग्रियों को रखा जाता है। इन्हीं में एक माचिस की डिब्बी, जिसका उपाय धूप जलाने के लिए किया जाता है उसे रखना अशुभ माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि माचिस की डिब्बी रखने से घर पर सकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है और नकारात्मकता का वास होता है।
ऐसी मान्यता है कि माचिस की डिब्बी रखने से घर पर सकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है और नकारात्मकता का वास होता है।
अशुभ पूजा घर एक पवित्र स्थान माना जाता है, ऐसे में इस पवित्र स्थान पर ज्वलनशील सामग्री रखना बेहद ही अशुभ माना जाता है।
माचिस के साथ ही पूजा घर में लाइटर आदि जैसी जलने वाली सामग्री भी नहीं रखनी चाहिए। यदि आप पूजा से शुभ फल चाहते हैं तो इसे मंदिर में रखें।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, माचिस को मंदिर में या भगवान की मूर्ति के पास भी नहीं रखना चाहिए। माचिस जलाने के बाद इसकी तीली को बाहर फेंके।