हिंदू धर्म में कलावा बांधने का विशेष महत्व होता है। आइए जानते है कलावा पहनने से जुड़ी कुछ नियमों के बारे में।
पूजा-पाठ और मांगलिक कार्यों के बाद हाथ में कलावा बांधा जाता है। इसको बांधने का उद्देश्य व्यक्ति को बुरी बला से बचाना होता है।
इस पवित्र धागे को हाथ में बांधने से ईश्वर की कृपा हमेशा बनी रहती है। कलावा को देवी-देवताओं को चढ़ाने के साथ ही यह रक्षा सूत्र के रूप में बांधा जाता है।
हाथ में कलावा हमेशा किसी योग्य पंडित, पुजारी या अपने अग्रज से बंधवाना चाहिए। साथ ही कलावा बंधवाते हुए मंगल मंत्र का जाप करना चाहिए।
शास्त्रों के मुताबिक कुंवारी लड़कियों और पुरुषों को हमेशा दाहिने हाथ में कलावा बांधना चाहिए। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता हैं।
विवाहित महिलाओं को कलावा हमेशा बाएं हाथ में बांधना चाहिए। ऐसा करना शादी-शुदा औरतों के लिए बेहद फलदायी माना जाता है।
कलावा को मंगलवार या शनिवार के दिन ही पहनना और उतारना चाहिए। इसके अलावा आप घर में पूजा-पाठ के दौरान भी इसे धारण कर सकते है।
हाथ में पहने जाने वाला लाल रंग का कलावा हनुमान जी और मां दुर्गा का प्रतीक होता है। ऐसे में इसे धारण करने से आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा आती है और शुभ फलों की प्राप्ति भी होती हैं।