ज्योतिष शास्त्र में रत्नों की शक्तियों का जिक्र किया गया है, ऐसे में अगर आप पुखराज पहनने की सोच रहें हैं, तो इन बातों का खास ध्यान रखें-
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पुखराज एक कीमती रत्न है, जिसका संबंध बृहस्पति ग्रह के साथ माना जाता है। इसे पहनने से जीवन में सुख-शांति आती है।
पुखराज को धारण करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें। ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक इसे सुबह नहाने के बाद, सूर्य उगने या गुरु पुष्य नक्षत्र में धारण करना सही होता है।
शास्त्रों के मुताबिक पुखराज धारण करने के लिए गुरुवार का दिन बेहद शुभ माना गया है, क्योंकि पुखराज का संबंध बृहस्पति ग्रह के साथ होता है।
पुखराज पहनने से पहले दूध, गंगाजल और शहद से शुद्ध करना चाहिए। ऐसा करने से रत्न की नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं।
पुखराज को सोने या पीतल में धारण करना शुभ माना जाता है। साथ ही, ये धातुएं बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने में मदद करती हैं।
पुखराज को पहनते समय ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः को 108 दोहराना चाहिए। इससे रत्न की शक्ति बढ़ जाती है।
आमतौर पर पुखराज को दाहिने हाथ की पहली उंगली में पहनना ठीक माना जाता है, क्योंकि यह उंगली बृहस्पति ग्रह को दर्शाती है।
पुखराज पहनने से पहले इन बातों का ध्यान रखें। यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए दी गई है, ऐसी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें naidunia.com