भोजन की थाली को हमेशा पाटा, चटाई, चौकी या टेबल पर सम्मान के साथ रखें।
खाने की थाली को कभी भी एक हाथ से न पकड़ें। ऐसा करने से खाना प्रेत योनि में जाता है।
भोजन करने के बाद कभी भी थाली में ही हाथ न धोएं। थाली में कभी जूठन न छोड़ें।
भोजन के बाद थाली को किचन स्टैंड, पलंग या टेबल के नीचे न रखें, ऊपर न रखें।
रात्रि में जूठे बर्तन घर में न रखें। भोजन करने से पूर्व देवताओं का आह्वान जरूर करें।
भोजन करते वक्त वार्तालाप या क्रोध न करें। परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर भोजन करें।
रात में चावल, दही और सत्तू के सेवन से लक्ष्मी का निरादर होता है। इनका सेवन रात के भोजन में नहीं करना चाहिए।
रसोईघर में भोजन करने से राहु शांत होता है। जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना चाहिए।
सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न पीएं। जूठे हाथों से या पैरों से कभी गो, ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें।
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