तानसेन समारोह सिंधिया राज्यकाल में 1924 में से शुरू हुआ। तब से लगातार यह समारोह हो रहा है। 2024 में समारोह का शताब्दी वर्ष होगा।
तानसेन 1500 ईश्वी के महान संगीतकार थे। उनका जन्म ग्वालियर में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका नाम रामतनु पांडेय था।
तानसेन नाम उन्हें ग्वालियर के राजा विक्रमजीत ने दिया थां बाद में उनकी विलक्षण प्रतिभा को देखते हुए अपने नवरत्नों में शामिल कर लिया।
तानसेन के गुरु सूफी संत मोहम्मद गौस थे। पुरानी कथाओं के अनुसार जब तानसेन राग मल्हार गाते थे, तो बरसात होने लगती थी।
तानसेन ने सूफी संत गौस मोहम्मद से प्रभावित होकर इस्लाम अपना लिया था। उनके मकबरे पर हर साल संगीत समारोह का आयोजन किया जाता है।
संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले को तानसेन सम्मान मध्य प्रदेश शासन देता है। यह पुरस्कार वर्ष 1980 में स्थापित किया गया था।