शनि कितने पाये पर चलते हैं? जानें इसके शुभ-अशुभ प्रभाव


By Sahil20, Jun 2024 08:00 PMnaidunia.com

शनिदेव का पाया

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, कुंडली में शनि के पाये का खास महत्व होता है। शनि ग्रह के राशि परिवर्तन करने पर शनि का पाया भी बदल जाता है।

शनि के 4 पाये

शास्त्रों में बताया गया है कि शनि के 4 पाये होते हैं। इनमें सोना, चांदी, तांबा और लोहा शामिल है। खास बात है कि शनि के सभी पायों का अलग-अलग प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है।

सोने का पाया

ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि शनि ग्रह के गोचर के दौरान चंद्रमा 1, 6 और 11वें भाव में विराजमान होते हैं तो उसे ही सोने का पाया कहा जाता है। खैर, शनि के यह पाया शुभ नहीं होता है।

चांदी का पाया

जब गोचर के समय चंद्रमा, शनि के 2, 5 और 9वें भाव में विराजमान होता है तो उसे चांदी का पाया कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इस पाये को शुभ माना जाता है।

तांबे का पाया

इस पाये का निर्माण चंद्रमा के शनि ग्रह के 3, 7 और 10वें भाव में होने से होता है। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक, शनि का तांबे के पाय पर चलना भी शुभ होता है।

लोहे का पाया

जब चंद्रमा, शनि के 4, 8 और 12वें भाव में विराजमान होता है तो इसे ही लोहे का पाया कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव के लोहे का पाया भी शुभ नहीं होता है।

ये दो पाये होते हैं शुभ

शास्त्रों की मानें तो शनिदेव के चांदी और तांबे के पायों को शुभ माना जाता है। जब शनिदेव इन दोनों में से किसी भी पाये पर चलते हैं तो लोगों के जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

डिस्क्लेमर

इस लेख में दी गई तमाम जानकारी सामान्य और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। हमारी तरफ से उपरोक्त सूचना की पुष्टि करना संभव नहीं हो पाएगा।

यहां हमने जाना कि शनि के कितने पाये होते हैं और इनका क्या अर्थ होता है। इस तरह की अन्य धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ

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